‘तुम्हारा नाम क्या है बसंती’





वैसे तो दिल्ली में ठंढ बहुत है पर यहाँ की ठंढ में जो मौसम छाया है वो है सगाई और शादी का। महंगाई की मार के बावजूद दनादन शादियाँ हो रही हैं। लाखों, करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसी ही एक शादी में जाने का मुझे मौका मिला। जिनकी बेटी की शादी थी, वो लोग थोड़े ज्यादा धार्मिक किस्म के हैं। खैर, मैं कौन सा अधार्मिक हूँ, जो शादी में न जाता। जाते ही खाने पर टूट पड़ा। तभी मेरी नज़र एक बैठकी पर पड़ी। बैठकी में कुछ युवा और दूसरे लोग मौजूद थे। वो आपस में किसी बात को लेकर बहस कर कर रहे थे। मुझे लगा, यहीं बैठना अच्छा रहेगा। वहाँ बैठने पर पता चला, ये लोग एक दूसरों को नहीं जानते और बहस का मुद्दा है आज की राजनीति। युवा, सरकार विरोधी बातें कर रहे थे और बाकी दूसरे लोग, सरकार के समर्थक में। अचानक बहस गहमागहमी में बदल गई। अधेड़ उम्र के लोगों ने युवाओं को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बता दिया। तो ताव में युवाओं ने अधेड़ उम्र के लोगों को साध्वी प्रज्ञा गैंग का सदस्य ठहरा दिया। चूंकि माहौल शादी का था, इसलिए किसी तरह से सबको चुप कराया गया। अगर माहौल शादी का न होता तो उस दिन मारपीट तय होती।

सवाल यह उठा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग में कौन लोग हैं? क्या टुकड़े-टुकड़े गैंग में वो लोग आते हैं, जो सरकार के खिलाफ या मोदी के खिलाफ बातें करते हैं? क्या कन्हैया कुमार वाकई ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सदस्य हैं? क्या अभिनेत्री दीपिका पादुकोण या स्वरा भास्कर ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की सदस्य हैं? या फिर अभिनेता जीशान अयूब. निर्देशक अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा सरीखे लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि गृह मंत्रालय ने आरटीआई (राइट टू इनफ़ॉर्मेशन) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि उसे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ये सवाल अहम इसलिए हैं कि पूर्व पत्रकार और कार्यकर्ता साकेत गोखले ने एक आरटीआई आवेदन दायर कर गृह मंत्रालय से पूछा था कि ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं?’सोमवार को गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा, ‘गृह मंत्रालय के पास टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंधित कोई जानकारी नहीं है।


यह सवाल महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि गृह मंत्री अमित शाह ने अलग-अलग समय ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के बारे में कई बार सवाल उठाया है। अभी हाल ही में दिल्ली में उन्होंने कहा था कि दिल्ली को टुकड़े-टुकड़े गैंग से मुक्त कराना होगा। अमित शाह ने कहा था कि देश में टुकड़े-टुकड़े गैंग देश की एकता और अखंडता के लिए ख़तरनाक है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है।’
पत्रकार और कार्यकर्ता साकेत गोखले ने अपने आरटीआई में चार सवाल पूछे:
  1. गृह मंत्री द्वारा चिन्हित ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की परिभाषा क्या है और किस आधार पर उनकी पहचान हो सकती है?
  1. क्या गृह मंत्री ने टुकड़े-टुकड़े गैंग को किसी आधिकारिक मंत्रालय या क़ानूनी एजेंसी द्वारा चिन्हित किए जाने के आधार पर उल्लेख किया है?
  1. क्या केंद्रीय मंत्री के पास इस गैंग के नेताओं और सदस्यों की कोई सूची है जिनका उन्होंने जिक्र किया है?
  2. केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा के मुताबिक ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय कौन-सी दंडात्मक कार्रवाई/सजा की योजना बना रहा है? (यह भी स्पष्ट किया जाए कि आईपीसी या अन्य कानूनों की कौन-सी धाराओं के तहत सजाएं दी जाएंगी।)
साकेत गोखले ने अपने आईटीआई को लेकर स्पष्ट किया और कहा कि ‘मेरी आरटीआई आवेदन देने के पीछे का कारण ये है कि देश के गृहमंत्री ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ शब्दावली का इस्तेमाल कई बार कर चुके हैं। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री ने भी इसका कई मौकों पर इस्तेमाल किया है। जब वे ऐसी प्रवृत्ति के ऐसे गैंग का उल्लेख करते हैं तो ये सोचना ज़रूरी है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत ऐसी लिस्ट बना कर रखी होगी।’

ऐसे में फिल्म शोले के मशहूर डायलॉग का बरबस याद आ जाना स्वाभाविक है—तुम्हारा नाम क्या है बसंती?

तस्वीर साभार-seelatest.com

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