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मालिक का 'मल'

सृष्टि के निर्माण से ही संभवत: एक मालिक है और ढेर सारे उसके मलवाहक। 'मल' का शाब्दिक अर्थ आप कुछ भी लगा लें- यह आपकी बुद्धि और विवेक पर छोड़ा जाता है। लेकिन उसका तलीय स्वर और अर्थ लगभग एक ही है- ऐसी चीज़ जिसे हमेशा खराब माना जाता रहा हो। जिसकी प्रकृति सड़ांध फैलाना है। आसपास को अपने होने का एहसास कराना। जिसकी छाया मात्र भी स्वच्छता और सुंदरता को बदबूदार बना दे। 'मल' का फिजीकल एक्ज़ीस्टेंश भी अपने कई रूप में हमारे और आपके आसपास विद्यमान रहता है। वो चाहे चमचे के रूप में हो या फिर मालिक, बॉस की आंख हो या फिर आपका दोस्त बनकर आपकी पीठ में छुरा भोंकने वाला हो। बस यह आपकी काबिलियत पर है कि वो कौन है जिसने 'तैलाभिषेक'(तेल लगाने की परंपरा का नाम रूप) में महारत हासिल की है। 'मालिक' के अर्थ में भी व्यापकता है। ऐसा नहीं कि जो नौकरी दे रहा है वही मालिक है। जिसने चाहे अनचाहे आपकी ज़िंदगी को बेहतर करने का आश्वासन दे दिया वही मालिक है। अलग-अलग क्षेत्रों में मालिक की परिभाषा बदल जाती है। जिस भी दफ्तर में मालिक ने आपको काम दिया उसकी तो आप पर कृपा है ही। बस ध्यान ये रखें क