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अक्तूबर 6, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ग्रैंड सेल का एयर प्युरीफाय़र और AAREY

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रात सोने के लिए होती है। आप क्यों जागेंगे भई? और जाग भी रहे हैं तो फिर इसके लिए थोड़े न जागते रहेंगे कि शहर में क्या-क्या गलत घट रहा है। और जो देख भी लिखा गलत घटते, तो पुलिस को बुलाने के लिए थोड़े न सड़क पर घूम रहे हैं। मस्ती के लिए अंधेर में सड़क पर निकले हैं, रंग में भंग कौन डालता है। रंग में भंग डाल भी दिया तो कुछ ऐतिहासिक काम करेंगे। है की नहीं? कोई रिपोर्टर नहीं हैं जनता है। वैसे रिपोर्टर भी तो रात के अंधेरे में ड्यूटी पर झपकी ले ही लेते होंगे। पुलिसवालों का रात में सोना मान्य है। दिनभर चालान काट-काटकर थक भी जाते होंगे बेचारे।  अंधेरे में सैकड़ों पेड़ों की हत्या कर दी गई और रातभर जागने वाली मायानगरी सोती रही। या मान लो जागकर सबकुछ अंदेखा करती रही। पेड़ कट गए तो कट गए। इसमे मुंबई के लोगों की कैसी ज़िम्मेदारी? भला दिनभर के थके हारे मुंबईकर भी कटे पेड़ की तरह ही बिस्तर पर गिरते हैं। बेचारे कुछ घंटे भी न सोएं तो काम कैसे करें। अगर आप यह सोच रहे हैं कि इसके लिए महाराष्ट्र की सरकार जिम्मेदार है तो फिर से आप गलती कर रहे हैं। भई, महाराष्ट्र में इसी महीने विधानसभा का चुनाव है। यह