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अगस्त 8, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

न्यूज चैनल पर साईं की कृपा

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वक्त बदला। समाज बदला। लोगों की सोच में परिवर्तन आया। चीजों को देखने का नजरिया बदला। इसमें सबसे ज्यादा बदलाव आया टीवी में। खासकर टीवी न्यूज में। एकदम से उसकी परिभाषा बदल गई। चूंकि प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी इसलिए खबरें भी बदलने लगीं। फिर क्या था। चौथे स्तंभ की पूरी भूमिका पर ही सवाल खड़े हो गए। चूंकि लोग घटिया और दोयम दर्जे के नेताओं को देखकर पक चुके हैं। नेताओं के झूठे गल्प को सुन-सुनकर थक चुके हैं। इसलिए अब उन्हें कुछ ऐसा चाहिए जो उन्हें चौंकने पर मजबूर कर दे। हैरान करने वाली खबरें। सनसनीखेज स्थितियां पैदा करने वाली खबरें। अब तक जो हमारे और आपके बीच आम बातचीत में जिन बातों का जिक्र किया जाता था उससे जुड़ी खबरें। वो फिर चाहे भूतप्रेत हो। नाग नागिन हो। ईश्वर का चमत्कार हो। या फिर कुछ और हो। हर ऐसी खबरों को आम जनता देखना चाहती है। आम जनता का मतलब बुद्धिजीवी नहीं। बुद्धिजीवी का मतलब--जिनमें हर बात को नकारने की बुद्धि हो। जिनमें सकारात्मकता का पुट कम और ओढ़ी हुई बुद्धि का दिखावा ज्यादा हो। जो बुद्धि मैथुन के अलावा कुछ और करना नहीं जानते। इसलिए खासकर ऐसे लोग जो बुद्धिजीवी हैं उनमें ऐसी खबरों को न