डिंगमार राजनीति का डंका





डिंगमार राजनीति का डंका तो प्रधानमंत्री मोदी और उनके अर्जुन और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह तो ऐसे बजाते हैं जैसे न भूतो न भविष्यति। अभी पिछले दिनों दिल्ली के चुनावी सभा में अमित शाह ने मोदी की मौजूदगी में कहा कि देश में 1500-4500 रुपए तक महंगाई कम हो गई है। मैंने सोचा क्या जनता को इस बात का अंदाजा है कि महंगाई कम हो गई है। दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से पेट्रोल और डीजल के दाम भारत में भी कम हुए तो लगा अब महंगाई कम होगी। हमारी जेबों को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा तो हुआ नहीं। या तो अमित शाह और मोदी के आंख-कान हैं वो उन्हें गुमराह करते हैं या फिर डिंग मारने की पुरानी आदतों से दोनों बाज नहीं आते। अरे भाई! अगर महंगाई कम होती तो क्या हमें पता नहीं चलता। पता नहीं ये महंगाई हमेशा कागज़ों पर ही क्यों कम होती है। आम लोगों के चेहरों पर जो तनाव है उसमें कमी क्यों नहीं आती। सब्जियां अब भी उसी कीमत पर मिल रही है, दूध, फल से लेकर खाने पीने की हर चीज़ की कीमत में महंगाई कम होने का कोई असर नहीं आया। फिर महंगाई कहां कम हुई। इस देश का दुर्भाग्य है जनता गुमराह होती है और नेता उसपर मलाई खाते हैं। 

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