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जाग गई जनता

15 वीं लोकसभा के परिणाम में जीत भले ही यूपीए को मिली हो। लेकिन इस जीत को गौर से देखे तो कई महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत मिलते हैं। जनता अब लाचार और बेचारी नहीं रही। जनता ने ये समझना शुरु कर दिया है कि क्या अच्छा है और क्या खराब। बहकावे की राजनीति करने वालों को जनता ने सबक सिखाया है। भावनात्मक स्तर पर वोट हासिल करने वालों की हवा निकली है। जाति के आधार पर घटिया राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा लगा है। मौकापरस्ती और फिरकापरस्ती करने वालों को भी जनता ने उसकी औकात दिखा दी है। लोगों के लिए सबसे अहम मुद्दा अब विकास बन गया है। इस चुनाव ने कम से कम ये साबित करने में पूरी सफलता पाई है। विकास हो और होता हुए दिखे दोनों ही चीजें जनता के लिए अब मायने रखने लगे हैं। बिना विकास के वोट की कामना करने वाले धुरंधर नेता अब भूल जाएं कि जनता उनके महिमा मंडन से प्रसन्न हो जाएगी। अब सिर्फ सेलीब्रेटी का टैग काम नहीं करने वाला है। आप को आम जनता की चिंता करनी पड़ेगी। चाहे कोई कितना बड़ा नाम क्यों न हो। विनोद खन्ना और राज बब्बर की हार से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पासवान और लालू की हार ने ये साबित कर दिया कि जनत