आमिर खान का 'बाज़ारवाद'


प्रिय मित्रों,
अगर आप आमिर खान के फैन्स क्लब के सदस्य हैं तो मुझे माफ कीजिएगा। अगर आप आमिर के मिस्टर परफेक्शनिस्ट वाले व्यक्तित्व को आदर्श मानते हैं तो फिर से माफी मांगता हूं। और अगर आप ये मानते हैं कि आमिर लीक से हटकर चलने वाले अभिनेता हैं तो आपके साथ कुछ बातें शेयर करना चाहता हूं।

आमिर खान को अचानक बुद्धि आ गई है। बुद्धि आने का मतलब है आमिर दुनियादारी सीख चुके हैं। शाहरुख खान से किसी मायने में अब कम नहीं रहे। न तो पैसे कमाने में और न ही स्टोरी सलेक्शन में। कहते हैं जैसे ही आदमी में पैसे कमाने की धुन सवार होती है वो हर चीज को प्रोडक्ट के तौर पर देखने लगता है। अमुक चीज से संवेदनात्मक लगाव खत्म हो जाता है। अब तक आमिर ने स्टोरी के चयन में भले ही एक मिसाल कायम किया हो। पर गजनी के लिए ऐसा कहना सरासर गलत होगा। मैं स्पष्ट कर दूं--मैंने फिल्म गजनी नहीं देखी। पर जिस तरह से आमिर ने इसके लिए प्रचार की सारी हदें पार की उससे साफ लगता है कि आमिर अब बिक चुके हैं। अपना प्रोडक्शन हाउस क्या खोला, दुनियादारी तुरंत समझ में आने लगी।
सड़कों पर गजनी कट बाल काटने से लेकर पता नहीं क्या-क्या प्रमोशनल कैंपेन चलाया। मक़सद--फिल्म को बेचना। लोगों को सिनेमा हॉल तक खींचकर लाना।

आपको याद होगा--ये वही आमिर खान हैं जिनकी एक बाइट के लिए न्यूज चैनल के लोग तरसते थे। जिनको बाइट या इंटरव्यू मिल जाता था वो बकायदा एक्सक्यूलिसव का मोटा बैंड स्क्रीन पर चिपका कर रखते थे। लेकिन आज हालत ये है कि आमिर हर चैनल के स्टूडियो में घंटों बैठे नजर आते हैं। आमिर को इस बात की समझ आ गई है कि मीडिया ही शाहरुख को किंग खान बनाता है और शीर्ष पर पहुंचाता है। बस क्या था। शाहरुख से सीधे पंगा ले लिया। अब कोई आमिर को रोक कर दिखा तो दे।

गजनी ने पहले और दूसरे हफ्ते की बुकिंग से तकरीबन 30 करोड़ का बिजनेस किया है। शाहरुख के सदमे के लिए ये काफी है। मजेदार बात तो ये है कि फिल्म रिलीज के बाद भी आमिर सारे चैनल पर नजर आ रहे हैं। मतलब साफ है--अगर फिल्म नहीं देखी है तो आपने बहुत कुछ मिस कर दिया।

आमतौर पर गंभीर फिल्म दर्शक आमिर से फिल्मों के जरिए एक संदेश की उम्मीद करते हैं। लेकिन सुना है गजनी में बॉडी, ऐब्स और हिंसा के अलावा कुछ नहीं है। जाहिर है इस स्तर पर भी आमिर में गिरावट आई है।

टिप्पणियाँ

Neelima ने कहा…
एक अभिनेता वही कर रहा है जो किसी भी अभिनेता को करना चाहिए ! आप खामख्वाह परेशान हो रहे हैं !
PD ने कहा…
मैं आमिर खान कैम्प का नहीं हूँ और न ही शाहरूख खान के कैम्प का.. मगर मुझे इसमे कुछ भी बुरा नहीं दिख रहा है कि आमिर खान कुछ गलत कर रहा है.. उसके लिए उसकी सिनेमा एक प्रोडक्ट है जिसे उसे बेचना है.. यही उसकी रोजी-रोटी है और यही वह कर रहा है.. आम लोग भी यही करते हैं मगर छोटे पैमाने पर और उनका मुनाफा भी छोटा होता है.. आमिर का पैमाना भी बड़ा है और मुनाफा भी बड़ा..

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